(चमोली)। चमोली जिले के गैरसैण में प्लान इंडिया व श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय बाल विधान सभा क्षमता विकास कार्यशाला का बुधवार को संपन्न हो गई है। तीन दिवसीय बाल विधान सभा में प्रदेश के 13 जनपदों से चयनित बाल विधायकों ने बालिका सुरक्षा, बच्चों एवं युवकों में बढ़ती नशे की प्रवृति के रोकथाम पर चर्चा की और बाल विधायकों ने सत्र के दौरान प्रस्तुत सुझावों को आयोग को प्रस्तुत किये।
कार्यशाला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बाल विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृति को रोकने के लिए युवाओं को ग्राम पंचायत, युवक मंगलदल और महिला मंगलदलों के साथ समन्वय बना कर नशा नहीं रोजगार चाहिए और नशा नहीं शिक्षा चाहिए अभियान पर काम करने की आवश्यकता है। यह अभियान विचारात्मक, रचनात्मक ढंग से चलाने की जरूरत है। कल के भविष्य के लिए आज से ही तैयारी करनी होगी। इसके लिए अनुशासन में रह कर समय के महत्व को समझते हुए शिक्षा, संस्कार, संस्कृति, व्यवहार, उद्देश्य और संगठन की एकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए नैतिकता को प्राथमिकता देनी होगी। कहा कि बच्चों पर विशेष ध्यान देने के लिए अभिभावकों को समय निकालना होगा। समय बदलते जा रहा है समाज विकृति मानसिकता की ओर बढ़ रहा है। अभिभावकों की ओर से बच्चों को स्मार्ट फोन और बाईक पकड़ा दिये जाने की प्रवृति पर रोक लगनी चाहिए। समापन के अवसर पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस में न्यूजीलैंड की एक दिन की राजदूत रही कुमकुम पंत, इजराइल की राजदूत रही विजय लक्ष्मी तथा एक दिन राइका पंचाली की प्रधानाचार्य रही ममता रावत और हरिद्वार की प्राची को प्रमाण पत्र, शाल भेंट व समृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष के निजी सचिव कमल गुप्ता, प्लान इंडिया दिल्ली से सुधीर राय, प्रदेश प्रबंधक सुरेश बलोधी, प्रबंधक गोपाल थपलियाल, सुरेश उनियाल, एसबीएमए के प्रबंधक गिरीश डिमरी, बाल सुरक्षा कार्यक्रम के समन्वयक त्रिलोक नेगी, अंकित काला, पवन, शाकंबरी नौटियाल, सपना निधी, मनप्रत, पूनम पंत आदि मौजूद थे।
बाल विधान सभा में बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृति पर हुई चर्चा।